हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी काे ढूंढते हुए उनके पिता नारायण सिंह और भाई बलराम के बेंगलुरु पहुंचने की घटना के तीन दिन बाद विधायक ने अपनी चुप्पी ताेड़ी है। विधायक चाैधरी ने फेसबुक पर एक वीडियाे डाला है। डेढ़ मिनट के वीडियाे में वे कह रहे हैं कि मैं अपने किसी भी परिजन काे शिकायत करने के लिए अधिकृत नहीं करता हूं। वीडियाे में बाेली गई बात पर उनके पिता नारायण सिंह विश्वास करने काे तैयार नहीं हैं। उनका कहना है-उससे यह काेई कहलवा रहा है। विधायक चाैधरी ने इसके पहले 11 मार्च काे एक वीडियो फेसबुक पर डाल कर सिंधिया के निर्णय को सर्वोपरि बताया था। जारी वीडियो में उन्होंने किसी के भी द्वारा बंधक नहीं बनाए जाने व सीआरपीएफ की सुरक्षा की मांग करते हुए मप्र में राज्यपाल व स्पीकर से मिलने की बात कही।
ये बोले वीडियाे में- मैं चाहता हूं कि स्वतंत्र रूप से राज्यपाल व स्पीकर से मिलूं, सुरक्षा मिलने के बाद मिलूंगा
मैं मनोज चौधरी हाटपिपल्या विधानसभा क्र. 172 सदस्य पद से स्पीकर व राज्यपाल को त्यागपत्र दे चुका हूं। मैं मप्र आना चाहता था। वर्तमान में बैंगलुरू में हूं। मप्र में जो स्थिति बन रही है उसके लिए हमने सीआरपीएफ से सुरक्षा की मांग की है। हम यहां भी किसी के बंधन में नहीं है और वहां भी किसी के बंधन में नहीं रहना चाहते। राज्यपाल और स्पीकर से व्यक्तिगत मिलना चाहते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से हमने सीआरपीएफ की मांग की थी, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। मुझे ऐसा लगता है कि मेरे परिजनों से पुलिस को शिकायत कराई जाएगी। मुझे रोकने का प्रयास भी किया जाएगा। मैं किसी भी परिजन को इस मामले में शिकायत करने व मेरे खिलाफ या मुझे बंधक बनाए जाने या किसी भी दूसरे प्रकार की शिकायत करने के लिए अधिकृत नहीं करता हूं। मैं चाहता हूं कि स्वतंत्र रूप से राज्यपाल व स्पीकर से मिलूं। जब भी मुझे सीआरपीएफ की सुरक्षा मिल जाएगी मैं राज्यपाल व स्पीकर से मिल लूंगा।
पिता बाेले- जाे उनके साथ हैं उनकी भी भाषा एक जैसी है
विधायक चाैधरी के पिता नारायण सिंह ने कहा- मनाेज से वीडियाे में एेसा काेई कहलवा रहा है। जो वहां गए हैं वे उसके साथ हैं। वे सब जाे भाषा बोल रहे हैं, उसी तरह की मनोज की भी भाषा है। भाषा एक जैसी है। पता नहीं कौन बोल कर वीडियाे बनवा रहा है। अभी तक परिवार वालों से उसकी कोई बात नहीं हुई है।